कुछ मेरे बारे में

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आईज़ोल, मिज़ोरम, भारत
अब अपने बारे में मैं क्या बताऊँ, मैं कोई भीड़ से अलग शख्सियत तो हूँ नहीं। मेरी पहचान उतनी ही है जितनी आप की होगी, या शायद उससे भी कम। और आज के जमाने में किसको फुरसत है भीड़ में खड़े आदमी को जानने की। तो भईया, अगर आप सच में मुझे जानना चाहते हैं तो बस आईने में खुद के अक्स में छिपे इंसान को पहचानने कि कोशिश कीजिए, शायद वो मेरे जैसा ही हो!!!

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शनिवार, 3 अक्तूबर 2009

१ बार मुस्कुरा २

बेटा ,"पापा, ज्यादा काबिल कौन है, मैं या आप?"

पिता , " मै, क्योकि मैं एक तो तुम्हारा पापा हुँ, दुसरे उम्र मे भी तुम से बडा हुँ और मेरा तजुर्बा भी तुम से ज्यादा है।"

बेटा , "फ़िर तो आप जानते होगें कि अमेरिका की खोज किस ने की थी? "

पिता , "कोलम्बस ने की थी"

बेटा, "कोलम्बस के पापा ने क्यों नही की, उसका तजुर्बा तो कोलम्बस से कही ज्यादा होगी?"

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